Hi Guys,

Few days back I saw an advertisement on some channel about the “Padna acha hai”. You can check it out on YouTube.

Great video and a great poem!

Below is something that I wrote which is inspired from the poem narrated in the video. I have tried my best to maintain the level. Hope you guys like it.

कितनी मोहब्बत हो गयी है तुमसे

पिछले कुछ दिनों से नींद नहीं है.… खामोश रातों में तुम्हारी बच्चो जैसि किलकारी कानो में जैसे गूंजती रहती है

कब से सोच रहा हूँ की तुमसे बोल ही दूँ…. कितनी मोहब्बत हो गयी है तुमसे ।

 

जबसे तुम्हे गली के नृत्यशाला में देखा है.… तुम्हारे पैरों मे बंधे हुए घुँघरू की छन छन

जैसे आज भी मुझे प्रति पल बुला रहे हो.… कैसे रोकूँ खुद को समझ भी नहीं आता ।

आखिर इतनी मोहब्बत जो हो गयी है तुमसे ॥

 

तुम्हारे चेहरे को कभी देखा तो नहीं था.… लेकिन क्यों ये देखने के बाद भी अंजाना नहीं है

कबसे सोच रहा हूँ तुम्हारे इस खूबसूरत चेहरे को अपना बना लूँ.… और कह ही दूँ.…

की कितनी मोहब्बत हो गयी है तुमसे ॥

 

ना जाने कब खत्म होगी ये छण छण कि प्रतिछा …कभी कभी सोचता हूँ की ये सूर्य कभी ढले ही नहीं ।

और मैं तुम्हे अपने बाहों में उठाये हुए.… क्षितिज के पार ले चलूँ … एक सपनों के सफ़र में ।

 

और कैसे इज़हार करूँ …अब तो समझ भी जाओ.… कितनी मोहब्बत है तुमसे ॥

नितेश आप्टे
९ मई, २०१४

Loading